पड़ोसी देश नेपाल और बैराजों से घाघरा नदी में छोड़े जा रहे लाखों क्यूसेक पानी के बाद एक बार फिर से घाघरा नदी खतरे के निशान से एल्गिन ब्रिज पर चार सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। घाघरा नदी में आज सुबह 8.30 बजे गिरजा बैराज से 131478, शारदा बैराज से 149878 और सरयू बैराज से 3794 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद घाघर नदी का जलस्तर और खतरे के निशान से ऊपर बढ़ सकता है।
नदी के बढ़ते जल स्तर को लेकर के गोंडा जिला प्रशासन द्वारा तटीय इलाकों में अलर्ट जारी करते हुए लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने की भी सलाह दी गई है। साथ ही लगातार तटीय इलाकों में रह रहे लोगों को राजस्व विभाग और तहसीलों के अधिकारियों द्वारा जागरूक भी किया जा रहा है।
दो तहसीलों के कई गांव में मंडराया आया बाढ़ का खतरा
जहां एक तरफ घाघरा नदी खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर नीचे पहुंच गई थी और बाढ़ जैसी स्थिति लगभग तटीय इलाकों में खत्म ही होने वाली थी। लेकिन वही अब नदी के एक बार फिर से बढ़ते जलस्तर के कारण करनैलगंज और तरबगंज तहसील क्षेत्र के कई तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण अब तटीय इलाकों में धीरे-धीरे घाघरा नदी का पानी घुसेगा जिससे बाढ़ जैसे हालत होंगे।
सभी बाढ़ चौकियों को बढ़ते जलस्तर के कारण किया गया सक्रिय
घाघरा नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण करनैलगंज और तहसील क्षेत्र में बनाई गई 40 से ज्यादा बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। सभी बाढ़ चौकियों पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही गोंडा डीएम नेहा शर्मा ने बाढ़ खंड के अधिकारियों को भी निर्देश दिया है। कि वह लगातार तटबंधों का निरीक्षण भी करते रहें ताकि किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर तत्काल समाधान किया जा सकें।
नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर गोंडा जिला प्रशासन अलर्ट
वही गोंडा पर DM आलोक कुमार ने बताया- लगभग 1 सप्ताह बाद एक बार फिर से घर नदी खतरे के निशान से ऊपर पहुंची है। जिसको लेकर के गोंडा जिला प्रशासन पूरी तरीके से अलर्ट मोड पर है। तटीय इलाकों में नाव की व्यवस्था पहले से ही है बाढ़ चौकियां भी सक्रिय कर दी गई है। किसी भी प्रकार की दिक्कत बाढ़ आने पर बाढ़ पीड़ितों को नहीं होने दी जाएगी।
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